"कहाँ हो अरमान...फैक्ट्री से निकल गये..."
"नही तो...तुम्हे ऐसा क्यूँ लगा कि मैं फैक्ट्री से निकल चुका हूँ.."
"आज वो कान को फाड़ कर रख देने वाली आवाज़े नही आ रही ना ,इसलिए....वैसे हो कहाँ..."
"जानेमन....कल रात के बाद आवाज़ काफ़ी बदली-बदली सी लग रही है...तुम्हारी.. कही दर्द अभी तक तो नहीं है "उसे छेड़ते हुए मैने कहा"भूलो मत कि दो हफ्ते बाद तुम्हे देखने के लिए तुम्हारे पतिदेव आ रहे है,कुछ तो उनके लिए बचा कर रक्खो..."बोलते हुए मैं हंस पड़ा...
"तुम्हारे रहते हुए,उस चपडू की क्या ज़रूरत...कहो तो मामला फिट करूँ..."
"कैसा मामला..."मैने पूछा ..
इस वक़्त मेरे मोबाइल का लाउडस्पिकर ऑन था और अरुण ,निशा की बाते सुनकर अंदर ही अंदर बड़ा खुश हो रहा था...उसने दबी हुई आवाज़ मे कहा कि मैं उसे हां बोल दूँ...लेकिन मैने ऐसा नही किया...
"कैसा मामला..."मैं बोला...
"हम दोनो का मामला "
"क्या....मतलब कि..."
"मतलब कि, तुम चाहो तो हम दोनो ज़िंदगी भर....."फिर वो चुप हो गयी, और इधर मैं भी चुप चाप मोबाइल को कान से लगाए हुआ था... मुझे कल ही ये अंदाज़ा हो चला था कि निशा ऐसा ही कुछ बोलेगी... लेकिन इतनी जल्दी.....ये मैने नही सोचा था....
"तुमने जवाब नही दिया..."हम दोनो के बीच की चुप्पी को तोड़ते हुए वो पूछी ...
"निशा, आक्च्युयली अभी कुछ काम आ गया है, शाम को बात करता हूँ..."बोलते हुए मैने तुरंत मोबाइल की रेड बटन दबा दी.....
मैं अब ये सोच रहा था कि मेरे दोनो दोस्त जो कुछ देर पहले तक निशा से मेरी बात-चीत को बड़े गौर से सुन रहे थे...वो अब मुझे अपनी सलाह देंगे...लेकिन साले बड़े कमीने निकले...मैने मोबाइल अपनी जेब मे घुसाया और इंतज़ार करने लगा उनकी सलाह का.... लेकिन वो कुछ बोले ही नहीं... बल्कि बिस्तर पर लेटे -लेटे अपने मोबाइल मे बिजी हो गये
"अबे बकलोलो.... कुछ तो बको..."जब कुछ देर तक दोनो मे से कोई नही बोला तो मैं झल्लाया...
"अरमान,...मुझे नही लगता कि तू सच बोल रहा है..."
"कैसा सच "
"यही की उस दिन तूने ऐश को हिप्नोटाइज़ किया था..."वरुण अपनी जगह से उठकर मेरे पास आया "तू साले हमे उल्लू बना रहा है...तूने ज़रूर ऐश से कहा होगा कि वो अपना हाथ तेरे हाथ मे दे दे, बदले मे तू उसे शर्त के आधे पैसे दे देगा... Am i right, Arun uncle......"
अरुण तो था ही इसी मौके की तालश मे ,वो उछल कर वरुण का साथ देने आया"मुझे तो उसी दिन इसपर शक़ हो गया था... कि साला ये ईशा के सामने गिड़गिड़ाया होगा ताकि वो इसका हाथ टच कर दे... साला भिकमंगा... "
"अबे गधो...वो खुराना की एकलौती बेटी थी, वो हज़ार रुपये के शर्त के लिए मेरा साथ क्यूँ देगी..."
"लेकिन फिर भी मैं नही मानता कि तूने उसे हिप्नोटाइज़ किया था...यदि किया था तो ले मुझे भी हिप्नोटाइज़ कर..."
"उसे हिप्नोटाइज नही कहते...."
"अब आया ना बेटा लाइन पर...."
"उसे कुछ और ही कहते है,क्या कहते है...मालूम नही,लेकिन उसके ज़रिए कुछ देर तक सामने वाला शक्स शॉक्ड हो जाता है...मुझे उस वक़्त मालूम था कि ऐश मेरे द्वारा कहे गये प्यार के उन दो मीठे बोल से शॉक्ड हो जाएगी..."
"तो बात तो घूम फिर कर वही आ गयी ना ,हिप्नोटाइज़ पर...या जो भी कहते हो उसे...तू सच-सच बता कि तूने ऐश से क्या कहा था उस दिन.."
"बता तो दिया कि क्या कहा था..."
"मैं नही मानता..."
"तो मत मान ,मुझे क्या..."बोलकर मैं वहाँ से उठा...तभी वरुण शेर की तरह दहाड़ मारकर बोला...
"यदि सच नही बताया तो ,अभिच निशा को कॉल करके बोल दूँगा कि तू सुबह से यही पड़ा है...."
"अबे पागल है क्या...रुक अभी तेरा डाउट क्लियर करता हूँ..."
मैने अरुण और वरुण दोनो को बाल्कनी की तरफ बुलाया और हमारे फ्लैट के सामने से जो छोटी सी गली निकली हुई थी उसपर अपना शिकार ढूँढने लगा और तभी मुझे मेरे फ्लैट की तरफ आ रहा एक लड़का दिखा.....
"बस अपना सर बचा कर...."बोलकर मैं अंदर गया और एकलौता हेल्मेट जो दीवार पर टंगा हुआ था ,उसे लेकर वापस बाल्कनी की तरफ आया....
"तू करने क्या वाला है..."
"वो तो आगे ही पता चलेगा..."
इसके बाद जो लड़का हमारे फ्लैट की तरफ आ रहा था ,वो जब करीब आ गया तो मैने उसे आवाज़ दी और ठीक नीचे आने के लिए कहा....
"क्या है..."वो लड़का ताव मे बोला...
"कहा जा रहा है...?"मैने उससे पूछा
"तेरे को क्या उससे.."वो फिर तव्वा कर बोला
"तेरा बाप मर गया है, वापस घर जा..."मैने ज़ोर से बोला और अपना चेहरा रोने जैसे बना लिया....जबकि ना तो मैं उसे जानता था और ना ही उसके बाप को....
मेरा ये कहना था कि उस लड़के की फट के हाथ मे आ गयी वो मुँह फाडे बाल्कनी की तरफ हम तीनो को देखने लगा...
"डर मत,मज़ाक था...इन दोनो ने मुझे ऐसा कहने के लिए कहा...अब तू चाहे तो नीचे पड़ा पत्थर उठा कर इन दोनो का सर फोड़ दे...."
कहते हुए मैने तुरंत हेलमेट लगाया जिसके तुरंत बाद वो लड़का गुस्से से हमारी तरफ देखा और माँ-बहन की गाली देकर पत्थर से भी मारा...जो सीधे जाकर वरुण के छाती मे लगा....
"रुक साले, भागता कहाँ है..."उस लड़के को भागते हुए देख वरुण चिल्लाया....
"अब आया बेटा यकीन... या और यकीन दिलाऊं..? श्री अरमान पर शक करना मतलब खुद पर शक करना. एक बार को तुम भगवान पर संदेह कर लो, चलेगा.. लेकिन श्री अरमान पर... बिल्कुल नहीं.... मै अपने दिमाग़ के अंदर न्यूरोन्स कि सेटिंग चेंज करके टाइम ट्रेवल कर सकता हूँ, यहाँ तक कि parallel universe तक मे जा सकता हूँ.. यकीन नहीं तो बोल यकीन दिलाऊं...??"
"याहह..."अपनी छाती सहलाते हुए वरुण बोला" ना भाई.. अब रहने दे... अब डाइरेक्ट रिज़ल्ट वाले मोमेंट पर पहुच..."
"रिज़ल्ट..."ये सुनकर मेरी हालत ठीक वैसी हो गयी,जैसे चार साल पहले हुई था...कितना खौफनाक पल था, जब मेरे कान मे किसी ने कहा कि "रिज़ल्ट आ गया है और तू..."उसके बाद मैने उसका मुँह पकड़ कर दूसरी तरफ फेर दिया था और सॉफ कहा था कि मैं खुद कैफ़े मे जाकर अपना रिज़ल्ट देखूँगा..... क्यूंकि मोबाइल से तो वेबसाइट साली कभी खुलती नहीं थी. इतनी खचरी वेबसाइट थी... ऊपर से रिजल्ट वाले दिन तो इतनी लुल्ल हो जाती वेबसाइट कि.. कई लड़को को एक दिन बाद अपना रिजल्ट पता चलता... मतलब एग्जाम फॉर्म भरने से लेकर रिजल्ट देखने तक... अपन लोगो कि जिंदगी मे संघर्ष ही संघर्ष था.
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जो हालत उस वक़्त मेरी थी वो हालत अरुण की भी थी...हम दोनो का गला सूख चुका था और दो घूट दारु कि हमें शख्त जरूरत थी. यही बात जाकर हमने bhu को बताई तब हमसे ज्यादा उसकी फट गई , उसकी तो बात करने तक की हिम्मत नही हो रही थी ,जबकि वो एग्जाम्स ड्यूरेशन मे दिन भर किताबो से चिपका रहता था.... साला डेढ़ फुटिया, रिजल्ट का नान सुनते ही काँपने लगा. मैं और अरुण किसी तरह से एक दूसरे का धीरज बाँधते हुए कैफ़े की तरफ बढ़े...एक बार फिर मेरी हालत वही थी जो एग्जाम्स के समय मे हुई थी...कभी पांडे जी याद आते तो कभी पांडे जी की बेटी... तो कभी घर का माहौल .... तो कभी घर वालों कि उम्मीदें, तो कभी माँ के वो शब्द जो उन्होंने पहले एग्जाम के एक दिन पहले मुझसे फ़ोन मे कहा था....
"यार ,अरमान...मेरा बाप जेल मे डाल कर डंडे से मारेगा मुझे..."
"मेरा भी कुछ यही हाल होगा..."
उस वक़्त मुझे खुद के रिज़ल्ट से ज़्यादा परवाह पांडे जी की बेटी के रिज़ल्ट की थी.. मैं उपरवाले से प्रार्थना कर रहा था कि पांडे जी की बेटी या तो फेल हो जाए या फिर उसके मेरे से कम नंबर लाए... मुझे मेरे मार्क्स से कोई मतलब नहीं था.. मुझे मतलब था तो सिर्फ और सिर्फ पाण्डेय जी कि लौंडिया के मार्क्स से....
कितनी अजीब बात है कि जिसे मैने आज तक देखा नही ,उसके बारे मे मैं इतना बुरा सोच रहा हूँ...और ऐसा सोचने वाला शायद मैं अकेला नही था...हमारे घरवाले अक्सर किसी ना किसी लड़का/लड़की को हमारे ऑपोसिट खड़ा कर देते है और ऐसे रिएक्ट करते है जैसे कि प्राइम मिनिस्टर का इलेक्शन हो और हमे हार हाल मे शाम -दाम, दंड -भेद कुछ भी करके सामने वाले को हराना है.... मैं पांडे जी की बेटी के बारे मे पहली बार बुरा नही सोच रहा था, पिछले 2-3 सालो से मैं जब भी भगवान का नाम लेता तो एक दुआ हमेशा माँगता कि पांडे जी की बेटी मुझसे कम नंबर लाए...वो फेल हो जाए...या फिर उसके साथ कुछ ऐसा हो जाए जिसकी वजह से वो एग्जाम्स ही ना देने पाए....
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आज से पहले मैं एग्जाम्स देने के बाद हमेशा इसी इंतज़ार मे रहा कि रिज़ल्ट कब आएगा... लेकिन अबकी बार मैं चाह रहा था कि रिज़ल्ट कभी आए ही ना....जहाँ कॉपीस चेक होने गयी है,वहाँ डाका पड़ जाए,आग लग जाए, बाढ़ आ जाये, ज्वालामुखी फट जाए या कुछ भी ऐसा हो जाए,जिससे रिज़ल्ट रुक जाए... .लेकिन ये मुमकिन नही था....और आज वो दिन था जब रिज़ल्ट मेरे आँखो के सामने अपना प्रचंड रूप दिखाने वाला था.....
आज से पहले ,जब मेरे घरवाले मेरे मार्क्स देखते तो तुरंत सारी दुनिया मे कॉल करके पुछ्ते की आपके बेटी का कितना नंबर आया, आपके बेटे के रिज़ल्ट का क्या हुआ....और उसके बाद बड़े शान से कहते थे कि "अरमान के तो इतने % आए है,इसने स्कूल मे टॉप मारा है....प्रिन्सिपल सर ने कॉल करके खुद बधाई दी है..."
"यार अरुण...."
"क्या है..."
"गला सूख रहा है भाई...आजा थोड़ा पानी वानी पी लेते है..."
इस वक़्त हम दोनो हाइवे पर पहुच चुके थे और वही पास एक अच्छा-ख़ासा होटल बना हुआ था...मैने दो कप चाय लाने के लिए कहा और अरुण के साथ चुप चाप वही टेबल पर बैठ गया....
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मुझे उस वक़्त चाय भी नीम के रस से ज़्यादा कड़वा लग रहा था, चाय का हर एक घूट ऐसे लगता जैसे कि दुनिया की सबसे कड़वी चीज़ उस चाय मे मिला दी गयी हो...तीन चार घूट के बाद जब मुझसे चाय नही पिया गया तो मैं अरुण के साथ वहाँ से उठा...और साइबर कैफ़े की तरफ चल पड़ा, जो हमसे बमुश्किल अब सिर्फ 5 मिनिट्स की दूरी पर था...
"अरमान,इस बार रिज़ल्ट अच्छा आ जाए तो कल से ही पढ़ाई शुरू कर दूँगा..."
"तू और मत फाड़ बे, ऐसा लग रहा है कि कोई लगातार सीने मे हथौड़ा पीट रहा हो...साला कही हार्ट अटॅक ना आ जाए..."
Barsha🖤👑
26-Nov-2021 06:10 PM
वाह क्या बात है
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